क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर असल में आपका वित्तीय व्यवहार कैसा है अथवा यूँ कहें कि आपकी वित्तीय साख कैसी है को प्रदर्शित करता है | आप जीवन में बचत करते है और बैंक में जमा करते है या इन्वेस्ट करते है | ठीक वैसे ही अगर आपको किसी काम को शुरू करने या उसका स्तर को बढाने के लिए के लिए धन की जरुरत हो या आपको EMI पर कार/ बाइक या कोई अन्य जरुरत का सामान खरीदना हो तो आप बैंक से लोन लेते है | लोन लेने के बाद आप तय समय पर चुकाते है | बैंक आपके द्वारा लिए गये लोन और चुकाई गयी राशि को कुछ क्रेडिट एजेंसीयां होती है उन्हें रिपोर्ट करते है | इन एजेंसीज के द्वारा इसी आधार पर एक स्कोर जारी किया जाता है जिसे क्रेडिट स्कोर कहते है | चलिए इसी बारे में थोड़ी और चर्चा करते है –
क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर क्या होता है ?
असल में बैंक आपके द्वारा लिए गये हर छोटे बड़े ऋण या क्रेडिट उत्पाद को रिपोर्ट करते है और इसके साथ ही हर बार जब आप उस ऋण को चुकाते है या EMI समय पर नहीं भरते है या लेट भरते है तो भी उसे रिपोर्ट किया जाता है | इसी आधार पर आपका क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर तैयार होता है | हर उस व्यक्ति का स्कोर अच्छा होता है जो समय पर ऋण और उसकी सारी किश्तें भरता है और हर उस व्यक्ति का स्कोर खराब होता है जो समय पर लिए गये ऋण का भुगतान नहीं करता है | हालाँकि इसके अलावा भी और बहुत सारे मानक होते है जिनके आधार पर किसी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर प्रभावित होता है जो कि निम्न है –
- लिए गये ऋणों का प्रकार ,
- क्रेडिट कार्ड की अधिकतम सीमा का इस्तेमाल ,
- ऋण लेने के लिए बार बार क्रेडिट स्कोर के लिए क्रेडिट एजेंसी को की गयी इन्क्वारी आदि,
भारत में चार मुख्य: क्रेडिट स्कोर देने वाली कंपनियां है जो निम्न है
cibil , CRIF, equifax, transunion
क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए ?
यह 300 से 900 के बीच में होता है | ध्यान रहे कि इन चारो कंपनियों के द्वारा दिया गया स्कोर थोडा ऊपर नीचे हो सकता है क्योंकि सब अलग अलग ढंग से स्कोर की गणना करती है लेकिन मुख्य मानक एक जैसे ही है | ऐसे में निम्न तरह के स्कोर आपके वित्तीय व्यवहार को निम्न प्रकार से दर्शाते है
750 से अधिक – यह एक शानदार स्कोर है जो एक जिम्मेदार वित्तीय व्यवहार और साख को दिखाता है |
600-750 होना – यह सामान्य से थोडा अच्छा स्कोर होता है, इसे बड़ी आसानी से बढाया जा सकता है | इस रेंज में आने वाले स्कोर का मतलब है कि व्यक्ति का वित्तीय व्यवहार हल्का सा रिस्की हो सकता है और हो सकता है उनसे कोई EMI कभी मिस की हो | क्रेडिट कार्ड्स का इस्तेमाल थोडा एग्रेसिव हो या ITR नहीं भर रहा हो इत्यादि |
600 से नीचे – ये रेंज का स्कोर बिलकुल अच्छा नहीं माना जाता है और इस स्कोर में आने वाले लोगो को बैंक के क्रेडिट प्रोडक्ट्स तक पहुँच होना बहुत मुश्किल होता है |
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